एक फिल्म निर्देशक और निर्माता के बीच क्या अंतर है

एक फिल्म निर्देशक और निर्माता के बीच क्या अंतर है ?

एक फिल्म निर्देशक और निर्माता के बीच क्या अंतर है ?

एक फिल्म-निर्माता वो व्यक्ति होता है जो फिल्म-निर्माण की प्रक्रिया को पूरा करने में जो
भी पैसे लगता है उसको पूरा करता है |

एक फिल्म निर्देशक वो व्यक्ति होता है जो फिल्म को निर्देशित करता है | यानि क्रिप्ट राइटिंग
से लेकर फिल्म के रिलीजिंग तक देख रेख करना और फिल्म को कहानी के हिसाब शूटिंग करवाना
फिल्म-निर्देशक का काम होता है |

फिल्म-निर्माता [ film producer ]

फिल्म-निर्माता का काम फिल्म में पैसा लगन होता है | फिल्म निर्माण की प्रक्रिया पूरी करने
लिए स्क्रिप्ट राइटिंग से लेकर फिल्म रिलीजिंग तक जो भी पैसे खर्चा होते हैं वो फिल्म-निर्माता
ही करते हैं और फिल्म फिल्म रिलीज के बाद जो प्रॉफिट होता वो फिल्म-निर्माता का होता है |

फिल्म-निर्माण में जो भी लोग काम करते हियँ वो सभी सैलेरी के हिसाब से काम करते हैं वहीं
एक्टर, डायरेक्टर और स्क्रिप्ट राइटर फ्रॉफिट शेयर या फिर कुछ तय अमाउंट लेते हैं और ये पैसा
फिल्म प्रोडूसर देता है |

प्रोडक्शन प्रोसेस में कैमरा , लाइट के साथ साथ सेट निर्माण , लोकेशन , मेकअप ,
फिल्म के सदस्यों का भोजन और रहने का इंतजाम में जो भी खर्चा होता है वो पूरा खर्चा फिल्म निर्मात
ही उठाता है |

फिल्म निर्देशक [ Film Director ]

फिल्म निर्देशक फिल्म के कलात्मक और नाटकीय पहलुओं को नियंत्रित करता है | फिल्म के कहानी
को कल्पन के आधार पे एक जिवंत रूप देता है और उसे परदे पे उतरता है | एक फिल्म निर्देशक
एक्टर को सही मार्गदर्शन कर के फिल्म के कहानी में जो भी करैक्टर होते हैं उसको जिन्दा करता
है |

फिल्म-निर्देशक का काम फिल्मनिर्माण के पहले चरण यानि प्री-प्रोडक्शन से लेकर फिल्म-निर्माण के
सबसे अंतिम चरण यानि पोस्ट-प्रोडक्शन तक उपस्थित रहत है और सभी चरण में उससे जुड़े डिपार्टमेंट
के साथ मिल कर काम करता है |

फिल्म की स्क्रिप्ट जब तैयार होती है तो स्क्रिप्ट राइटर एक बार फिल्म निर्देशक के साथ बैठ कर उस
स्क्रिप्ट के बारें में विचार करता है और अगर कुछ बदलाव की जरुरत होती है तो वो उसी समय किया
जाता है |

फिर फिल्म निर्देशक डिरेक्टर ऑफ़ फोटोग्राफी (DOP) के साथ बैठ कर कैमरा एंगल और सिनेमटोग्राफी
के बारे में विचार करता है |

फिल्म जब शूट हो जाती है तो फिर निर्माण के सबसे अंतिम चारण यानि पोस्ट प्रोडक्शन में
फिल्म एडिटर के साथ बैठ कर फिल्म एडिटिंग के बारे में विचार करता है |

एक फिल्म नर्देशक फिल्म निर्माण के सभी चरण और सभी डिपार्टमेंट में मौजूद होता है |

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